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जनवरी, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संजय दत्त और सवालात

संजय दत्त और सवालात संजय दत्त अब लखनऊ से समाज वादी पार्टी के तिक्जेत पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं..... कदम बढ़ते हुए उन्होंने अपना रोड शो भी शुरू कर दिया है....उनका साथ दे रहीं हैं उनके पत्नी मान्यता...... एक सवाल बार बार मन में आता है की आख़िर कार संजू बाबा को चुनाव लड़ने की क्या आवशकता पड़ गई ...कुछ लोग हालाँकि यह भी कहतें हैं की चुनाव तो कोई भी लड़ सकता है...ठीक बात ...लेकिन फ़िर भी कोई कारन तो होगा ही ...शायद मुन्ना भाई अब लोगों की सेवा करना चाहते हैइसीलिए चुनाव लड़ रहें हैं...लेकिन सवाल फ़िर उठा की क्या जनसेवा के लिए जन प्रतिनिधि होना ज़रूरी है....क्या इसके बिना सेवा नही हो सकती ? चलिए आप सवाल का जवाब सोचिये तब तक एक और सवाल हाज़िर है .... संजू बाबा को राजनितिक पार्टी के टिकेट की क्यों ज़रूरत पड़ी ....वोह तो इस देश में ख़ुद बहुत पापुलर हैं... आम भारतीय तो आप को जानता ही है ....फ़िर राजनितिक दलों का सहारा क्यों? यह एक और सवाल.... अब सवाल एक और उठता है कि समाज वादी पार्टी ही क्यों.... कोई औ र दल क्यों नही....जबकि उनका परिवार( पता नही अब उनका रहा कि नही ) तो पुराना कांग्रेसी है ....फ़िर य

आह भारत से वाह भारत

आह भारत से वाह भारत बहुत कुछ लिखने की ज़रूरत नही है ...भारत वाकई में एक ऐसा देश बनता जा रहा है जिसे पीछे मुड़कर शोक मनाने की आदत नही है...पुरी दुनिया तो आथिक मंदी से परेशान है और भारत अलमस्त है...एक सर्वे बताता है की भारत के लोग बहुत तेजी से आशावादी होते जा रहें....इस आशावादिता की दौड़ में भारत ने बड़ा मुकाम हासिक कर किया है....भारत के लोगों को उम्मीद है की अपना देश आर्थिक मंदी की चपेट से अगले एक साल में पूरी तरह बाहर हो जाएगा...अच्छा लगता है....ऐसे समाचार पढ़कर...पिछले साल का अंत बेहद दर्दनाक था...इस साल की शरुआत भी कम कष्टकारी नही थी ...लेकिन अब लगता है सब ठीक हो जाएगा...जय हो भारत

कुछ बताएं

आज एक ही बात मन में आती है की आख़िर हम और आप कब तक औरों का वार सह सकते हैं पाकिस्तान को हम एक नही सौ सबूत दे चुके हैं लेकिन पाकिस्तान है की हमारे दिए हर सबूत को सिरे से नकारता चला गया है लाख कोशिशों के बाद उसने ये माना है की कसाब उसका ही नागरिक है ....अब सवाल यह उठता है की पाकिस्तान के यह मान लेने से आख़िर क्या होगा.....क्या भारत के ऊपर होने वाले आतंकवादी हमले आगे नही होंगे इसकी गारेंटी मिल जायेगी....क्या बेगुनाहों का खून आगे नही बहाया जायेगा......मुंबई में हुए हमलों में मारे गए भारतीय हो या आसाम में कश्मीर हो या बंगलोर आख़िर मर तो रहे भारतीय ही हैं....क्या यह सिलसिला रुकेगा...कोई जवाब नही है हमारे हुक्मरानों के पास.....वोह खोखले वादे और कोशिशों के जरिये इस विशाल देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने में जुटे हैं....लगता नही है की कुछ हो पायेगा....जब तक हम आप आगे नही आयेंगे तस्वीर बदलेगी यह नही कहा जा सकता है.....अब सोचना यह होगा की आख़िर हम कर क्या सकते हैं.... कुछ बताएं

India's first computer-literate village

By Anand Parthasarathy Malappuram . Ten days from today, Chamravattom village, in Triprangode panchayat of Kerala's Malappuram district, will stake a unique claim to fame: the scenic hamlet on the banks of the Bharathapuzha, is slated to become the nation's first 100 per cent computer-literate village. On that day, at least one member of every family in the village — there are 850 families — will have completed basic computer literacy training. He or she can now handle a personal computer, create and edit pictures, compose text using a specially-designed Malayalam language tool, surf the Internet, send email and make Internet telephony voice calls. They have been learning these skills at the local ``Akshaya'' centre, a one-room facility equipped with five PCs, a server and a printer with a dial-up Internet connection. The exact day when Chamravattom completes its self-appointed task can be predicted with accuracy because for two months now, villagers have been keeping t

Very Interesting facts!

Christianity…. One Christ, One Bible Religion… You know the Latin Catholic will not enter Syrian Catholic Church. These two will not enter Marthoma Church. These three will not enter Pentecost Church. These four will not enter Salvation Army Church. These five will not enter Seventh Day Adventist Church. These six will not enter Orthodox Church. These seven will not enter Jacobite church. Like this there are 146 castes in Kerala alone for Christianity, each will never share their churches for fellow Christians..! Wonderful..! One Christ, One Bible, One Jehova..... What a unity! Now Muslims..! One Allah, One Quran, One Nebi....! Great unity! Among Muslims, Shia and Sunni kill each other in all the Muslim countries. The religious riot in most Muslim countries is always between these two sects. The Shia will not go to Sunni Mosque. These two will not go to Ahamadiya Mosque. These three will not go to Sufi Mosque. These four will not go to Mujahiddin mosque. Like this it appears there are
साल नया है, उम्मीद भी नयी होगी। लेकिन जब देश के माथे पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र कहलाने का तमगा लगा हो तो चुनाव से बड़ा लोकतंत्र कुछ हो नही सकता और इसे बरकरार रखने में दुनिया के सामने सबसे बडी राजनीतिक तानाशाही भी होती होगी। क्योंकि लोकतंत्र के उलट तानाशाही होती है। तो साल नया है। उम्मीदे चाहें जो हो लेकिन नज़रे सभी की आम चुनाव पर ही हैं। क्योंकि चुनाव का मतलब देश में रोजगार का सबसे बड़े धंधे का खेल है। जिसमें अरबों के वारे-न्यारे झटके में हो जाते है और देश नारा लगाता है चुनावी लोकतंत्र जिन्दाबाद। क्योंकि चुनावी राजनीति में जीत ही अगर देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत है तो पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में लोकतंत्र की राजनीतिक तानाशाही का अक्स छुपा है, यह भी अब खुलकर उभर रहा है। यह माना गया कि आतंकवाद को लेकर बीजेपी की राजनीति कांग्रेस के कुछ ना करने के सामने हार गयी। यह माना गया कि विकास का ढिढोरा न्यूनतम जरुरतों के सामने हार गया। यह माना गया कि महंगाई का दर्द नेताओ के लाभ भरे भरोसे के सामने हार गया। अगर यह सब हुआ है तो चुनावी लोकतंत्र को पूंछ से नही सूंड से पकड़ें। छत्तीसगढ़ को ध