tag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post8020011541945039902..comments2024-01-13T13:55:13.011+05:30Comments on Agnivaarta: शुक्र है! ये कौम मुर्दा नहीं....Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-23834451032238105772013-04-13T12:22:38.458+05:302013-04-13T12:22:38.458+05:30बच्चों में लोकतंत्र की समझ और लोकतान्त्रिक मूल्यों...बच्चों में लोकतंत्र की समझ और लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रति लगाव का सशक्त माध्यम है Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-37814848479772685092013-04-13T12:22:01.847+05:302013-04-13T12:22:01.847+05:30लोकतान्त्रिक प्रक्रिया की स्पष्टता और लोकतान्त्रिक...लोकतान्त्रिक प्रक्रिया की स्पष्टता और लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रति लगाव पैदा करने तथा नेतृत्व की छमता के विकास का सशक्त प्रयास Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-62909642282417191872013-04-13T12:19:45.292+05:302013-04-13T12:19:45.292+05:30बच्चों में लोकतंत्र की समझ और लोकतान्त्रिक मूल्यों...बच्चों में लोकतंत्र की समझ और लोकतान्त्रिक मूल्यों के प्रति लगाव का सशक्त माध्यम है Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-25318836245883096022010-06-05T10:31:07.453+05:302010-06-05T10:31:07.453+05:30अनाम जी, आपको आपकी बेबाक टिप्पणी के लिए धन्यवाद, ...अनाम जी, आपको आपकी बेबाक टिप्पणी के लिए धन्यवाद, लेकिन सवाल यहाँ ये भी पैदा होता है कि आखिर हमने और आपने कभी किसी राजीव कि तरह नाव पर बच्चों को पढ़ाने के बारे में क्यों नहीं सोचा....?आप राजीव श्रीवास्तवा को दरकिनार करिए और फिर बताएं कि क्या बाल सांसद बच्चों में नेतृत्व का गुण नहीं विकसित करती ? कोई जेल गया यह तो हम याद रखते हैं लेकिन उसने एक छोटे बच्चे को कापी और किताब से रूबरू कराया ये भूल कैसे सकते हैं....? हम और आप किसी के अच्छे कामों की चर्चा करें इसमें क्या हर्ज़ है? बात जहाँ तक ख़बरों की भूख की है तो मुझे लगता है की वर्तमान परिदिश्य में ख़बरों की उल्टी करने से बेहतर है ये काम............ashish tiwarihttps://www.blogger.com/profile/02166080461015704096noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-73074028033619592562010-06-05T10:07:51.073+05:302010-06-05T10:07:51.073+05:30भाई बच्चे तो मासूम और निर्दो
ष होते हैं। बेशक उनक...भाई बच्चे तो मासूम और निर्दो<br />ष होते हैं। बेशक उनके व्यक्तित्व विकास के लिए ये ड्रामा फायदा ही देगा। लेकिन ड्रामा करवाने वाले के बारे में आखिर कौन नहीं जानता। नाव पर पढाना, क्यों क्या धरती पर जगह कम पड़ गयी है। दरअसल जब से लोहता वाले कांड में इसे जेल की हवा खानी पड़ी तब से इसने प्रचार पाने के लिए सनसनी की जगह दूसरा रास्ता खोजा और उसकी सीढी बन गये हमारे और आपके जैसे खबर के भूखें। तभी राजीव श्रीवास्तव जैसे लोग नाव पर पढायेंगे और हमारे आपके जैसे लोग खींसे निपोर निपोर का ताली बजाएंगे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-51533322747010231612010-06-03T18:30:48.550+05:302010-06-03T18:30:48.550+05:30good analysis kiya sir.good analysis kiya sir.anoop joshihttps://www.blogger.com/profile/14146375128512331870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-45513634947499809892010-06-03T12:35:46.715+05:302010-06-03T12:35:46.715+05:30badhiya aalekh kuch karne ki seekh mili...badhiya aalekh kuch karne ki seekh mili...दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.com