tag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post3295766268454703621..comments2024-01-13T13:55:13.011+05:30Comments on Agnivaarta: अब तो गरियाने से भी नहीं फरियाताUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8568599894492168269.post-73295531270592589792010-11-14T13:12:56.480+05:302010-11-14T13:12:56.480+05:30निश्चित रूप से आज ये गालीयाँ अपना स्वरुप बदल रही ह...निश्चित रूप से आज ये गालीयाँ अपना स्वरुप बदल रही हैं<br />इन्ही गालीयों की वज़ह से एक शख्श ने आत्महत्या भी कर ली है.<br />आज इन गालीयों में न तो अपनापन रहा और न ही गंभीरता !<br />गालीयों को इतनी विविधता से परिभाषित करने के लिए धन्यवाद...<br /><br />Himanshu Vashisth<br />LucknowAnonymousnoreply@blogger.com