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दिसंबर, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अब क्या करेगी सरकार

पकिस्तान ने ऐसा कुछ नही किया जिसकी हमें उम्मीद नही थी, उसना ठीक वैसा ही किया जैसा एक आम भारतीय सोच रहा था......मुंबई हमले के दौरान हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने पकिस्तान को अपने हिसाब से काफी कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी थी पर उसका क्या हाल हुआ यह हम सब ने देख लिया.....उस वक्त तो पकिस्तान ने हमसे कह दिया की वोह हमें सहयोग करेगा.... लेकिन जैसे जैसे हमारे देश के नेतायों की राजनीती शुरू हुयी वैसे ही पकिस्तान भी अपने रंग में आ गया....अब तो वोह न तो हमें हमारे गुनाहगार देगा और न तो दहशतगर्दी का खेल बंद करेगा....उपर से पाकिस्तानी अख़बारों का यह कहना की भारत में जो कुछ हो रहा है वोह भारतीय ही करा हैं काफी सोचनीय विषय है....

क्या कहना

क्या कहना सुच में अपने देश के राजनीतिज्ञों के बारे में कुछ भी कह पाना बहुत मुश्किल है...यह दूसरो को कुत्ता बना रहे हैं और अपने बारे में सोचने के वक्त भी नही निकाल पा रहें हैं... केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंद जी से अब यह उम्मीद नही थी की वोह अपने बारे में सोच पाने का समय भी नही निकाल पाएंगे....अरे हुज़ूर मुख्यमंत्री जी क्या आप को मालूम है की अगर आप सी. एम्. नही होते तो देश की जनता आप के साथ क्या सलूक करती....
बदलाव यहाँ भी ........  बहुत बहुत अच्छा हुआ की संजय निरुपम को अपनी ही नही देश के हर नेता की औकात का पता चल गया.....उन्हें ही नही देश के हर नेता को अपनी औकात का पता चल गया.....जिस तरह से मुंबई के लोगों ने संजय निरुपम को भाग जाने पर मजबूर कर दिया इसी तरह देश के तमाम नेताओं के साथ भी करना चाहिए ....लेकिन देश के उन तमाम पढ़े लिखे लोगों को भी सोचना चाहिए की वो देश को दे क्या रहें हैं.....मैं मानता हूँ की आप बहुत कुछ दे रहें होंगे पर शायद आप अपना वोट नही दे रहें हैं.....और जब तक आप वोट नही देंगे इस समस्या का समाधान दूंढ़ पाना बहुत मुश्किल है...हम इन नेताओं को वैसे इन्हे नेता कहना ग़लत है...यह लोकतंत्र की नौकरी कर रहें हैं और सांसद या विधायक हैं लेकिन नेता तो नही हैं...बहरहाल बात वोट की हो रही है तो उसी की हो ...... पढ़े लिखे लोगों के लिए वोट देने जाना एक जहमत के जैसे होता है.....वो तो वोटिंग वाले दिन को छुट्टी के दिन की तरह मानते हैं .....इस दिन लोग अपने नाते रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं....इंजॉय करते हैं....पर वोट नही देते हैं.........ए मेरे वतन के लोगों वोट दीजिये और इन सांसदों और वि...