पकिस्तान ने ऐसा कुछ नही किया जिसकी हमें उम्मीद नही थी, उसना ठीक वैसा ही किया जैसा एक आम भारतीय सोच रहा था......मुंबई हमले के दौरान हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने पकिस्तान को अपने हिसाब से काफी कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी थी पर उसका क्या हाल हुआ यह हम सब ने देख लिया.....उस वक्त तो पकिस्तान ने हमसे कह दिया की वोह हमें सहयोग करेगा.... लेकिन जैसे जैसे हमारे देश के नेतायों की राजनीती शुरू हुयी वैसे ही पकिस्तान भी अपने रंग में आ गया....अब तो वोह न तो हमें हमारे गुनाहगार देगा और न तो दहशतगर्दी का खेल बंद करेगा....उपर से पाकिस्तानी अख़बारों का यह कहना की भारत में जो कुछ हो रहा है वोह भारतीय ही करा हैं काफी सोचनीय विषय है....
न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर