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dhanyavaad pradhan mantri ji
dhaynavad pradhanmantri ji aapne hame yeh bataya diya ki mumbai mein aatanki hamla karne wale padosi desh ke the, shayad aapka ishara pakistan ki taraf tha.....lekin yeh mahaj ek lachar bhartiya ki soch hai shayad aap kisi aur desh ki oore isharaa kar rahen ho...aapko dhanyavad ki aap ne ek baar phir apni pratibadhtaha vayakt ki aatankvaad se ladne ke liye....ab aap kah rahen hain ki is aatankvaad ko sakhti se kuchla jayega.....aapko bahut bahut dhanyavad....lekin jara ek baar desh ke aam aadmi se bhee pooch lijiye ki woh aapki is soch ke bare mein kya sochta hai....ab kisi rajnitigya ka yeh kahna ki woh aatankvaad ke khilaf ladai mein apni jaaan de denge kisi veshya ke rone jaise lagta hai....aap raag alapte rahiye aur desh vashiyopn ki jaan jane dijiye aur aap apne grihmantri ke sath planning mein vyasat rahiye aakhhir yeh bhee to bahut zarooroi kaam hai.....halanki ab desh ka har shaksha yeh maa chuka hai ki rajnitik ichhashakti ki kami bharat ko agla philisteen aur israeal bana degi....yahan khule aam khela jayega dahshat ka khel....jaan li jayegi masson aur begunah logon ki aur aap kahete rahenge ki hum kadi karvahi karenge.....aap raag alapte rahiye ahinsa ka aur woh hinsa karte rahen.....aap shayad bhool gaye ki isi desh mein huye hain arjun jo jurm ke khilaf ladai mein apne logon ko hi marne utar gaye...isi desh mein huye ram jinhone atyachari ravan ko ahinsa se nahi hinsa se samjhaya....isi desh mein huye azad, bhagat aur bismil....lekin shayad kisi rajnitigya ke liye yeh sabhi baten bemani hian kyonki yahan to aatankvaad ke khatme se jyada zarooroi hai vote bank tayar karna.....isliye aap yeh behuda raag alapna choddijiye aur marne dijiye aam hindustani .... hum hindustani azadi ki ek aur ladai ke liye saksham hain.....
jai hind

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