सोनम वांगचुक विज्ञान और व्यावहारिकता के बीच की एक कड़ी हैं। लद्दाख
में जन्मे और प्रारंभिक जीवन लद्दाख में शुरु करने वाले सोनम वांगचुक एक संगठन
चलाते हैं जिसका नाम एजुकेशनर एंड सोशल मूवमेंट ऑफ लद्दाख है। सोनम इस संगठन के जरिए न सिर्फ लद्दाख में बल्कि कई अन्य जगहों पर सामाजिक और शिक्षा
क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
सोनम वांगचुक की सबसे अधिक चर्चा उनके कृत्रिम ग्लेशियरों के लिए हो
रही है। दरअसल लद्दाख के पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों के लिए सोनम वांगचुक ने बेहद
नया प्रयोग किया है जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। सोनम वांगचुक ने
लद्दाख में विज्ञान की मदद से कृत्रिम ग्लेशियर बनाने में सफलता हासिल की है।
जुगाड़ू तकनीक और विज्ञान के सामंजस्य के सोनम वांगचुक ने ये करिश्मा किया है।
दरअसल सोनम वांगचुक ने लद्दाख के रेतीले स्थानों में गर्मियों के मौसम
में पानी की समस्या को खत्म करने के लिए वहां ठंड के मौसम में कृत्रिम ग्लेशियरों
का निर्माण किया। पहाड़ों की ऊंचाई से पानी को ठंड के मौसम में पाइपों के जरिए
नीचे लाया गया और सर्द मौसम में पाइप से फव्वारे के रूप में निकलते पानी को वहीं
जमा दिया गया। गर्मियों के मौसम में ये कृत्रिम ग्लेशियर पिघल कर पानी की कमी को
पूरा कर रहें हैं।
वैसे इस काम में सोनम वांगचुक का इलाकाई लोगों ने खासा साथ दिया और पांच
हजार पौधे रोप डाले। कृत्रिम ग्लेशियरों के पानी को इन पौधों की सिंचाई के लिए
इस्तमाल किया जा रहा है और लद्दाख का रेगिस्तान अब हरा भरा हो रहा है। सोनम
वांगचुक को उनके इस काम के लिए दुनिया के प्रतिष्ठित अवार्ड्स में से एक रोलेक्स
अवार्ड दिया जा रहा है।
अब एक और सूचना, सोनम वांगचुक वही शख्स है जो आमिर खान में फुंसुख
वांगडू थे। दरअसल थ्री इडियट्स में आमिर खान का फुंसुख वांगडू का किरदार सोनम
वांगचुक को ही देखकर तैयार किया गया था। आप सोनम वांगचुक कहिए या फुंसुख वांगडू,
काबिलियत बराबर ही रहेगी कम नहीं होगी। इस सोनम के बारे में मौका मिला तो अगली कुछ
पोस्टों में आपको और बताएंगे।
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