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माफ करना बिटिया रानी, हमारे पास रॉकेट है लेकिन एंबुलेंस नहीं





एक तरफ सोमवार को आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा से पीएसएलवी सी – 35 की सफल लांचिंग की तस्वीरें आईं तो इसके ठीक 24 घंटे बाद उसी आंध्र प्रदेश से ऐसी तस्वीरें भी आईं जिन्होंने इस देश की चिकित्सा सेवाओं की पोल खोल कर रख दी। श्रीहरिकोटा के लांच पैड पर वैज्ञानिक अपने अब तक के सबसे लंबे मिशन की सफलता की खुशी मना रहे थे तो इसके 24 घंटे बाद यहां से तकरीबन 800 किलोमीटर दूर एक शख्स बारिश से लबालब अपने गांव में अपनी छह महीने की बच्ची की जान बचाने की जद्दोजहद में लगा था। आंध्र के चिंतापल्ली मंडल के कोदुमुसेरा (kudumsare) गांव से आईं इन तस्वीरों में एक सतीबाबू नामक शख्स छह महीने की अपनी बीमार बच्ची को कंधे तक पानी में किसी तरह डाक्टर तक लेकर जा रहा है।





दरअसल इस इलाके में भारी बारिश की वजह से पूरा गांव तालाब में तब्दील हो गया है। ऐसे में बुखार में तप रही सतीबाबू की छह महीने की बच्ची को कोई चिकित्सकीय सहायता नहीं उपलब्ध हो पाई। आखिरकार कहीं से कोई रास्ता न निकलता देख ये शख्स खुद ही अपनी बच्ची को लेकर डाक्टर के पास रवाना हो गया। हालांकि गांव के लोगों ने सतीबाबू को ऐसा दुस्साहस करने से रोकने की भी कोशिश की लेकिन सतीबाबू अपनी बेटी को हर हाल में डाक्टर तक जल्द से जल्द पहुंचाना चाहते थे। वहीं इस तस्वीर के सामने आने के बाद एक बार फिर से देश के सुदूर इलाकों में बदहाल स्वास्थ सेवाओं के बारे में चर्चाएं होने लगी हैं। अंतरिक्ष में छलांग लगा रहे देश के गांवों के हालात की हर ओर चर्चा हो रही है। सोशल वेबसाइट्स पर भी इस खबर को खासा शेयर किया जा रहा है। वैसे सतीबाबू की छह महीने की बेटी की तबीयत अब ठीक है और वो खतरे से बाहर है। समय से अस्पताल पहुंच जाने की वजह से बच्ची को इलाज मिल गया।




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