आज आपको एक ऐसी संसद के बारे में बता हूँ जिसके बारे में आपने कभी नही सुना होगा....बात कर रहा हूँ दुनिया की पहली और एकलौती बाल संसद के बारे में....यह बाल संसद वाराणसी में है...इसके निर्माण में एक एन. जी.ओ. विशाल भारत संस्थान की मुख्य भूमिका है ...साथ ही वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार गिरीश दुबे और अजय सिंह ने भी इस बाल संसद की अवधारणा को ज़मीन पर उतारने में प्रमुख रोल अदा किया है....
वाराणसी की यह बाल संसद पूरी तरह से लोकतान्त्रिक व्यवस्था को पर आधारित है...इस बाल संसद में ६ से १३ साल का कोई भी बच्चा सम्मिलित हो सकता है...इस संसद की सभा में वाराणसी क्षेत्र से तीन विधयक और एक सांसद चुना जाता है....बाल संसद का प्रतिनिधत्व करने वालों को एक आचार संहिता को मानना पड़ता है..जैसे उसकी उम्र ६ से १३ साल के बीच हो..वोह अपने घर और क्षेत्र में ब्लैक लिस्टेड नही होना चाहिए...इसी तरह के कुछ और नियम है जिन्हें मनने वाला ही इस बाल संसद में सांसद या विधायक के लिए अपनी दावेदारी कर सकता है...जब इस संसद का चुनाव होता है तो लोकतान्त्रिक प्रणाली का पूरा ध्यान रखा जाता है....बच्चे अपने वोट से अपने विधायक और सांसद को चुनते हैं....फिलहाल इस बाल संसद का सांसद ताजिम अली हैं...समय समय पर इस बाल संसद की बैठक भी होती है...
इन बैठकों में बच्चों से जुड़े राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा होती है...बच्चो के प्रतिनिधियों को बच्चों के सवालों के जवाब देना पड़ता है...अभी हाल ही में इसके ग्रीष्म कालीन सत्र में श्रीलंका में कैंप से बच्चों के गायब होने और पकिस्तान में बच्चो को आतंकवाद की ट्रेनिंग देने के मुद्दे पर जबरदस्त बहस हुयी..बाल सांसद ताजिम अली को इस बात का आश्वाशन देना पड़ा की वोह इन मुद्दों पर देश के प्रधानमंत्री से बात करेंगे.... उन्हें पत्र लिखेंगे...तब कहीं जाकर संसद शांत हुयी...इस संसद की एक खासियत यह भी है इसके ज्यादातर सदस्य और प्रतिनिधि समाज के उस वर्ग के है जो सड़कों पर कूड़ा बीनता है या कहीं मजदूरी करता है....
इस बाल संसद की ख्याति लगातार बढ़ रही है..अभी हाल ही में इस संसद के बारे में दुनिया के एक बड़े समाचार पत्र वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रकाशित किया..उसकी संवाददाता एमेली फॉक्स ने ख़ुद बनारस की इस बाल संसद को देखा....अब दुनिया में एक साइबर पार्लियामेन्ट बनने की कोशिश की जा रही है...यह कोशिश यूनेस्को कर रहा है....
इस संसद को देखकर बड़ा सुकून होता है..लोग भले ही कहतें हो की बच्चो का भविष्य बड़ों के हाथ में होता है लेकिन यहाँ बच्चे देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था के भविष्य को संभाले नज़र आ रहा है.....
bahut badiya aur rochak jaankaree hai abhar
जवाब देंहटाएंbahut acchi baat batai apne
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी आपने। आभार।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut achhi jankari mili
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