देश के सबसे विशाल प्रदेश की सबसे ताकतवर महिला के जूते पर धूल जमी थी। ये देख मैडम के साथ चल रहे एक अफसर से रहा नहीं गया। उसने तुरंत रुमाल निकाली और मैडम की जूतियों को साफ कर दिया। ये देख विपक्ष से रहा नहीं गया, लगे हल्ला मचाने। शाम तक सरकार ने एक बिल्कुल सोलिड कारण पेश कर दिया। बताया गया कि जूतियों पर जो धूल जमी थी उससे मैडम की सुरक्षा को खतरा था। लिहाजा सुरक्षा में लगे अफसरों का फर्ज बनता है कि धूल साफ करें। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मैं भी तो यही कह रहा हूं। इसमें गलत कुछ भी नहीं है। अब भला देश के इतने बडे राज्य का कोई मुख्यमंत्री है। उसके जूते पर धूल लगी रहे और सुरक्षा में लगे अधिकारी देखते रहें। नहीं, बिलकुल नहीं।
भले ही सूबे का मुखिया दलितों का सबसे बडा रहनुमां होने का दावा करता हो। सूबे में दलितों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जायजा लेने निकला हो। वो तो बस उड.न खटोले में बैठकर दूसरों पर धूल उड़ाता है। अपने जूते धूल में नहीं डालता। अगर गलती से जमीन पर पड.ी धूल ने उसकी जूती तक को छू लिया तो हमारे अफसर उसे कहीं का नहीं छोडगे।
प्रदेश की धूल को समझ लेना चाहिए कि वो सिर्फ आम आदमी के पैरों और जूतों में ही लग सकती है सूबे के मुखिया के पैरों में नहीं
वैसे यारों एक ख्याल मन में आ रहा है। सोच रहा हूं आपसे उसकी चर्चा कर लूं। एक पुराना गाना है न- इस माटी से तिलक करो ये धरती है.......आगे की लाइनें याद नहीं हैं। आप को याद हों तो बताइयेगा।
खैर आप को लगता नहीं कि इस देश में कई चीजें हैं जो अब बस धूल में ही मिलती हैं। राजनीतिक सुचिता, कार्यपालिका की ईमानदारी, विधायिका की आम जनता के प्रति जवाबदेही वगैरह वगैरह। सब धूल में मिल गये हैं। तो भइया जब इतनी कीमती चीजें धूल में मिली हैं तो उससे तिलक नहीं करोगे तो और क्या करोगे।
चलते-चलते एक बात और दोस्तो। ये बात अपने तक ही रखियेगा। किसी और को मत बताइयेगा। लेकिन क्या आपके मन में ये ख्याल नहीं आता कि जिस मुख्यमंत्री की जूतियों पर इतनी धूल लग सकती है तो उसके चेहरे पर भी धूल लगी होगी। अफसर ने उसे साफ क्यों नहीं किया। क्या उससे सुरक्षा को खतरा नहीं था। या फिर अफसर का ध्यान सिर्फ जूती पर ही गया। पता नहीं क्यों गया। यारों आप को इस बारे में कुछ पता हो मुझे जरूर बताइयेगा। और हां ये बात आपके और मेरे बीच में ही रहे वरना हम दोनों को धूल में मिलते वक्त नहीं लगेगा। जय माटी हिन्दुस्तान की।
आपके उत्तर की आस लिये।
nice story bhai ji bahut khub likha hai aapne... lage raho....
जवाब देंहटाएंBhai dhool se bachne wale bhool rahe hai ki ek din unnhe isi dhool me hi mil jana hai..Aur Mayawati ji ko kya kahe unki murtiyo par jami dhool ki parte hatane kaun aayaga..jinnhe apna karykarta tak se badboo azate e hai
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